Shodashi Secrets

Wiki Article



सोलह पंखड़ियों के कमल दल पर पद्दासन मुद्रा में बैठी विराजमान षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी मातृ स्वरूपा है तथा सभी पापों और दोषों से मुक्त करती हुई अपने भक्तों तथा साधकों को सोलह कलाओं से पूर्ण करती है, उन्हें पूर्ण सेवा प्रदान करती है। उनके हाथ में माला, अंकुश, धनुष और बाण साधकों को जीवन में सफलता और श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। दायें हाथ में अंकुश इस बात को दर्शाता है कि जो व्यक्ति अपने कर्मदोषों से परेशान है, उन सभी कर्मों पर वह पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर उन्नति के पथ पर गतिशील हो और उसे जीवन में श्रेष्ठता, भव्यता, आत्मविश्वास प्राप्त हो। इसके आतिरिक्त शिष्य के जीवन में आने वाली प्रत्येक बाधा, शत्रु, बीमारी, गरीबी, अशक्ता सभी को दूर करने का प्रतीक उनके हाथ में धनुष-बाण है। वास्तव में मां देवी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूर्णता प्राप्त करने की साधना है।

The impression was carved from Kasti stone, a uncommon reddish-black finely grained stone used to style sacred photographs. It absolutely was brought from Chittagong in current working day Bangladesh.

Just about every fight that Tripura Sundari fought is often a testament to her may and the protective mother nature on the divine feminine. Her legends continue on to encourage devotion and they are integral on the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् click here ॥४॥

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः

It can be wish that turns the wheel of karma,  and that retains us in duality.  It truly is Shodashi who epitomizes the  burning and sublimation of these dreams.  It really is she who allows the Operating away from previous  karmic designs, bringing about emancipation and soul freedom.

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः

The Sadhana of Tripura Sundari is usually a harmonious blend of trying to get enjoyment and striving for liberation, reflecting the twin facets of her divine character.

मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं

Report this wiki page